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Showing posts from June, 2020

पुपरी - एक शाम कोरोना योद्धाओं के नाम कवि सम्मेलन सह मुशायरा एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया

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पुपरी - रविवार को शहर स्थित उत्सव मैरिज हॉल पुपरी में कलवार युवा मंच पुपरी की ओर से एक शाम कोरोना योद्धाओं के नाम कवि सम्मेलन सह मुशायरा एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अपर एसडीओ अरुण कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी अजीत शर्मा को संस्था के द्वारा मेडल, पाग़, अंग- वस्त्र, हैंड- वाश, सैनिटाइजर, मिठाई का डब्बा एवं प्रशस्ति पत्र देकर कोरोना कर्मवीर योद्धा सम्मान से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ कुमकुम सिन्हा एवं प्रभादेवी के द्वारा किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन कर किया गया। उसके बाद चीनी सैनिकों के साथ झड़प में मारे गए भारतीय सैनिकों के सम्मान में राष्ट्रीय धुन बजाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित किया गया। मंच संचालन उदय सिंह करुणाकर के द्वारा किया गया। कवि रामबाबू नीरव, अशरफ मौला नगरी, प्रकाश मोहन मिश्रा, आशीष रंजन प्रणव, आसिफ करीम, स्वतंत्र शांडिल्य, संजय कुमार चौधरी ने अपनी कविताओं के द्वारा लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिए। सभी कवियों को पाग, माला एवं अंग वस्त्र से सम्मानित किया गया। कोरोना योद्धाओं के रूप में बिहार प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन...

पुपरी - एक शाम कोरोना योद्धाओं के नाम कवि सम्मेलन सह मुशायरा एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया

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पुपरी - रविवार को शहर स्थित उत्सव मैरिज हॉल पुपरी में कलवार युवा मंच पुपरी की ओर से एक शाम कोरोना योद्धाओं के नाम कवि सम्मेलन सह मुशायरा एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अपर एसडीओ अरुण कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी अजीत शर्मा को संस्था के द्वारा मेडल, पाग़, अंग- वस्त्र, हैंड- वाश, सैनिटाइजर, मिठाई का डब्बा एवं प्रशस्ति पत्र देकर कोरोना कर्मवीर योद्धा सम्मान से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ कुमकुम सिन्हा एवं प्रभादेवी के द्वारा किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन कर किया गया। उसके बाद चीनी सैनिकों के साथ झड़प में मारे गए भारतीय सैनिकों के सम्मान में राष्ट्रीय धुन बजाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित किया गया। मंच संचालन उदय सिंह करुणाकर के द्वारा किया गया। कवि रामबाबू नीरव, अशरफ मौला नगरी, प्रकाश मोहन मिश्रा, आशीष रंजन प्रणव, आसिफ करीम, स्वतंत्र शांडिल्य, संजय कुमार चौधरी ने अपनी कविताओं के द्वारा लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिए। सभी कवियों को पाग, माला एवं अंग वस्त्र से सम्मानित किया गया। कोरोना योद्धाओं के रूप में बिहार प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन...

पुपरी - चीन के खिलाफ विरोध मार्च निकाला गया।

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पुपरी - भाजपा नेता संदीपठाकुर के नेतृत्व में रेलवे स्टेशन हावीर मंदिर पुपरी से चीन के खिलाफ विरोध मार्च निकाला गया। शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि के उपरांत विरोध मार्च मंदिर परिसर से निकलकर स्टेशन रोड होते हुए,टावर चौक, कर्पूरी चौक,विद्यापति चौक,स्टेट बैंक होते हुए कर्पूरी चौक पहुंचकर चीन के राष्ट्रपति सि जिनपिंग का पुतला दहन किया गया। साथ ही चाइनीज सामानों की होली जलाई गई।चीनी सेना मुर्दाबाद, सि जिनपिंग मुर्दाबाद, भारतीय सेना जिंदाबाद, भारत माता की जय,वंदेमातरम के नारों से पूरा वातावरण राष्ट्र भक्तिमय हो गया।लोगों को चीनी सामानों का बहिष्कार करने का संकल्प दिलाया गया। आम जनता में चीन के लेकर आक्रोश चरम पर है।लोगों ने भी अभी से कभी भी चाइनीज समान नहीं खरीदने का संकल्प लिए।कार्यक्रम में नगर अध्यक्ष दीपक राज,नगर पार्षद पप्पु मुरारी शिवहरे,गणेश्वरनाथ,विकास कुमार,एवं भाजयुमों उपाध्यक्ष रंधीर चौधरी,किसान मोर्चा जिला मंत्री केशव कुमार,महिला मोर्चा के जिला मंत्री बबिता यादव,भाजयुमों सुरसंड विधानसभा संयोजक सोनू ठाकुर,आई0टी0 सेल संयोजक सुरसंड विधानसभा राकेश कुमार चुन्नू,अनुसूचित मोर्चा के मंडल अध...

पुपरी में प्राइवेट स्कूल संचालन करने वाले के पुत्र को मारी गोली, मोबाइल व सोने की चेन लूटी

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पुपरी बाजार समिति के समीप स्टेट हाइवे पर सोमवार की सुबह अपराधियों ने युवक को गोली मारकर गले से सोने की चेन व मोबाइल छीन लिया। यह घटना अहले सुबह करीब छह बजे सुबह की है। गोली लगने से जख्मी मजरा ( दरभंगा) के स्थायी व वर्तमान नागेश्वर स्थान पुपरी जैतपुर मुहल्ला निवासी फुलेश्वर प्रसाद सिंह के पुत्र राकेश सिंह उर्फ रिंकू सिंह को इलाज के लिए पीएचसी पुपरी में भर्ती कराया गया जहां से उसे बेहतर इलाज के लिये एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर रेफर कर दिया गया। किन्तु समयाभाव में जख्मी के परिजन सीतामढ़ी में निजी अस्पताल में भर्ती कराया है। राकेश सिंह के दाये जांघ में गोली लगी है। जानकारी के अनुसार, पुपरी में फुलेश्वर सिंह प्राइवेट स्कूल का संचालन करते हैं। वही उनके पुत्र राकेश सिंह पटना में व्यवसाय करते हैं। लॉकडाउन के कारण राकेश सिंह इन दिनों पुपरी में अपने माता-पिता के साथ रह रहा था। प्रतिदिन की भांति राकेश सिंह सुबह में घूमने के लिये निकला था। बाजार समिति के पास चाय की दुकान पर पूर्व से टीवीएस बाइक लगाकर दो अपराधी हेलमेट पहने खड़े थे। राकेश सिंह के पहुंचते ही अपराधी ने कनपट्टी में पिस्टल सटा दिया और गले में ...

पुपरी - लालू यादव को बीबीसी के इस लेख से जानिये आप लालू के समर्थक हो या विरोधी पर पढिये जरूर।

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पुपरी - लालू यादव माइनस करके बिहार की राजनीति मुमकिन नहीं’ यूँ तो लालू प्रसाद यादव अपने बाथरूम में टूथ-पेस्ट से अपने दाँतों पर ब्रश किया करते थे, लेकिन जब वो लोगों से मिलने अपने बंगले के लॉन में आते थे, तो उनके हाथ में नीम की एक दातून होती थी. ये उनके दाँतों के लिए तो अच्छी थी ही, उनकी छवि के लिए भी ग़ज़ब का काम करती थी. अपनी इस छवि के लिए लालू हमेशा बहुत सचेत रहते हैं. अपनी वाक्पटुता और गंवई अंदाज़ से दर्शकों और श्रोताओं को हंसाते-हंसाते लोटपोट करने में लालू का कोई सानी नहीं है, लेकिन ये उनकी ख़ुद की बहुत क़रीने से बनाई गई छवि है, जिसके पीछे एक बहुत ही चतुर और प्रखर राजनीतिक दिमाग़ है. 'द मैरीगोल्ड स्टोरी- इंदिरा गाँधी एंड अदर्स' लिखने वाली कुमकुम चड्ढा बताती हैं, "लालू बेवक़ूफ़ नहीं हैं. राजनीतिक रूप से बहुत परिपक्व हैं. उनको पता है कि उन्हें क्या करना चाहिए, जिसका असर हो. वो मसखरे की अपनी छवि के कारण लोगों का ध्यान अपनी तरफ़ खींचते हैं. कुमकुम चड्ढा कहती हैं, "वो एक 'स्टेट्समैन' तो क़तई नहीं हैं. शहरी लोगों के प्रति अपने विरोध को वो बहुत अच्छी तरह भुनाते है...

पुपरी - *चले बिहारी शहर छोड़कर*

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*चले बिहारी शहर छोड़कर* ------------------------- बहुत उड़ाई जिसने खिल्ली, रोएंगे अब मुंबई, दिल्ली। जिनके बल उद्योग खड़े थे, हरियाणा, पंजाब हरे थे। अन्न उगाए नहर खोदकर, चले बिहारी शहर छोड़कर। भरपूर किए कर्मी का शोषण, कैसे मिलता तन को पोषण। लाभांश मांग पर उन्हें चेताया, कुछ कर्मी को छांट दिखाया। दिखा रहे थे अकड़, बोलकर । चले बिहारी शहर छोड़कर। इनकी गर मजबूरी थी, तो तेरी भी मजबूरी थी। दोनों की ही आवश्यकता, दोनों से होती पूरी थी। पर रख न पाए इन्हें रोककर, चले बिहारी शहर छोड़कर । लेकिन केवल इनको ही, मजबूर समझते आए थे। वेतन कम निर्धारित कर, तुम इनका हिस्सा खाए थे। सुनो, सुनो श्रुतिपटल खोलकर, चले बिहारी शहर छोड़कर। सर पर चढ़कर नाच किये थे। दस के बदले पांच दिये थे। मूल्य माल का दस का सत्तर, खून चूसते बनकर मच्छर। वे काम किये थे कमर तोड़कर, चले बिहारी शहर छोड़कर। कोरोना ने उन्हें चेताया, मर जाओगे भूखे भाया। जिनको तुम पर तरस न आई, दे पाएंगे क्या वो छाया। घर भागो हे सबल, दौड़कर। चले बिहारी शहर छोड़कर। जिस गर्मी में हंसा कांपे, उसमें हजार कोस वे नापे। पैरों में पड़ ग‌ए फफोले, रोक न पाए...