पुपरी-- हरिहरनाथ-मुक्तिनाथ धाम सांस्कृतिक रथ यात्रा के भव्य स्वागत की तैयारी व हिन्दू नववर्ष एवं रामनवमी को सांस्कृतिक जागरण शोभायात्रा की संबंधित व्यवस्था के लिए एक बैठक का आयोजन स्वामी विवेकानंद नगर में जिला सह कार्यवाह हृषिकेश कुमार चौधरी की अध्यक्षता में की गई। जिसमे रथ यात्रा के सोनपुर से भारत नेपाल सीमा बैरगनिया तक के मार्ग प्रमुख कुवंर सोनू शामिल हुए। बैठक में भगवान बिष्णु के पद से लेकर मुख तक की अंतरराष्ट्रीय रथ यात्रा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए श्री चौधरी ने कहा कि नारायणी नदी का उद्गम मुक्तिनाथ धाम से होती है जो भगवान बिष्णु का मुख माना गया है और यह नदी हरिहरनाथ में गंगा में समाहित होती है जो भगवान का पद माना गया है. जहां शालिग्राम पाये जाते हैं, जिन्हे साक्षात विष्णु माना जाता है जिसकी पूजा विना किसी प्राण प्रतिष्ठा के होती है उनका निवास नारायणी नदी है, इस कारण इस नदी को शालिग्रामी भी कहते हैं नारायणी नदी की परिक्रमा आज के ग्यारह सौ वर्ष पूर्व प्रारंभ हुआ था जो हरिहरनाथ से मुक्तिनाथ तक यात्रा की परंपरा बन गयी। मुक्तिनाथ 101 मुक्ति क्षेत्र मे से एक माना जाता है व...