राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पुपरी की शरद पूर्णिमा उत्सव व वाल्मीकि जयंती पुपरी के स्थानीय तिलक साह मध्य विद्यालय में हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पुपरी की शरद पूर्णिमा उत्सव व वाल्मीकि जयंती पुपरी के स्थानीय तिलक साह मध्य विद्यालय में हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न।
पुरे पुपरी नगर और आसपास के स्वयंसेवकों ने बड़े उत्साह के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शरद पूर्णिमा उत्सव में भाग लिया वाल्मीकि जयंती के अवसर पर मुख्य अतिथि महान शिक्षाविद अवकाश प्राप्त श्री शिवजी साह थे।
कार्यक्रम के तहत ध्वजारोहण के बाद शारीरिक और खेल के बाद लोगों ने जिला बौद्धिक प्रमुख प्रो. राजनारायण प्रसाद के ओजस्वी बौद्धिक का लाभ उठाया।
बौद्धिक के दौरान प्रो. प्रसाद ने शरद पूर्णिमा जिसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है के धार्मिक एवं वैज्ञानिक बिशेषताओं पर प्रकाश डाला, उन्होंने कहा कि शरद पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी और भगवान बिष्णु के शीत स्नान और शरद पूर्णिमा के पारंपरिक मखान, पान, ओस, चांदनी का सेवन अलौकिक आनंद का अनुभव देने वाला है।
पौराणिक शिक्षा पद्धति के साथ हो रही छेडछाड और भौतिकवाद के दौड में लोगों द्वारा प्रकृति और संस्कृति के प्रति उदासीनता के लिए पश्चिमी सभ्यता के प्रचार प्रसार को जिम्मेदार बताते हुए उन्होंने कहा कि भारत बर्ष को प्राकृतिक अनमोल रत्नों (जडी- बुटी मौसम) से सृष्टिकर्ता ने ही नवाजा है, भारत देवभूमी है और यहां मनाये जाने वाले प्रत्येक त्योहारों का धार्मिक ही नहीं अपितु ठोस वैज्ञानिक कारण व लाभ भी है। आज जरूरत है कि हम अपने पूर्वजों द्वारा अपनाये गये पौराणिक सभ्यता और संस्कृति से जुड़े और भारत को सर्व शक्तिशाली विश्व गुरु के मंच पर आसीन करने में योगदान दें।
फिर प्रार्थना के बाद सभी स्वयंसेवकों ने पंक्तिबद्ध मैदान में बैठकर शरद पूर्णिमा का प्रसाद(पारंपरिक प्रसाद खीर) ग्रहण किया। इस दौरान कार्यक्रम स्थल और आस पास गजब का उत्सवी माहौल देखने को मिला, आसपास के ग्रामीण घंटों खड़े होकर विभिन्न कार्यक्रमों को देखते रहे।
शरद पूर्णिमा उत्सव में हृषिकेश कुमार चौधरी, डाक्टर ओमप्रकाश गुप्ता, राज कुमार जोशी, हेमन्त गिरी, हरि किशोर प्रेमी, कुवंर सोनु, गणेश, रंजीत कुमार चौधरी उर्फ मुन्ना जी, सुशील चौधरी, गुलटेन मिश्र, भोगेन्द्र गिरी, राज कुमार मंडल, संजय झा, राजीव रंजन, इंद्र कुमार, अनुपम कुमार बमबम, दिवस झा, केशव कुमार सिंह, भरत मिश्र, मदन मिश्र, अमरेन्द्र चौधरी, आशीष कुमार, विभिन्न विद्यालयों के आचार्य व प्रधानाचार्य समेत सैंकड़ों स्वयंसेवक एवं गण्यमान्य बुद्धिजीवी शामिल हुए।
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