पुपरी -हिन्दी -उर्दू एकता मंच व प्रगतिशील लेखक संघ के संयुक्त तत्वावधान में काव्यगोष्ठी का आयोजन
पुपरी - अम्बालिका त्रैमासिक, हिन्दी -उर्दू एकता मंच व प्रगतिशील लेखक संघ के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को स्थानीय लाल मंदिर के प्रांगण में काव्यगोष्ठी का आयोजन वरिष्ठ शायर आसिफ करीम की अध्यक्षता में आयोजित की गई . जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में अम्बालिका त्रैमासिक के संपादक वरिष्ठ साहित्यकार रामबाबू नीरव व वरिष्ठ शायर अशरफ मौलानगरी मौजूद थे. युवा साहित्यकार, अम्बालिका के सह संपादक प्रकाश मोहन मिश्रा के सौजन्य से आयोजित इस गोष्ठी में विशिष्ठ अतिथि के रूप में विख्यात रंग- कर्मी सह सिने गीतकार प्रीति सुमन मौजूद थी . काव्य गोष्ठी का आगाज नवोदित कवि संजू कुमार के गीत "प्रेम-पुष्प का यूं मुरझाना मुझे बुरा लगा ." सीतामढ़ी के युवा कवि साकेत ठाकुर ने अपनी कविता " ज़हर जीवन में घुला है तो तय है मर जाना" सुनाकर जीवन की वास्तविकता से रूबरू कराया . इसी तरह की जीवन की वास्तविकता से जुड़ी हुई कविता-"नदियां गहरी चलायमान जीवन का गीत सुना जाती" सुनाकर कमल एकलव्य ने श्रोताओं का दिल जीत लिया . गोष्ठी में आशीष रंजन प्रणव नये तेवर में नजर आए. वहीं पटना से तशरीफ़ लाए वरिष्ठ कवि बिंदेश्वर शर्मा बिन्दू ने अपने दोहे सुनाकर संत कबीर दास जी की याद दिला दी. वरिष्ठ शायर मशहूद आजम गौहर व युवा शायर खुशदिल मौलानगरी के तेवर निराले थे. जब प्रीति सुमन फिल्मी अंदाज में अपना लोकप्रिय गीत "तुझको अपने पास बिठाकर , तुझ पर एक कहानी लिखते, मौसम कहते, खुश्बू कहते व फूलों की रानी लिखते" गाना आरंभ किया तब महफ़िल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठी . रामबाबू नीरव ने अपने गीत " सपने हमारे शहर के बड़े महंगे बिकते हैं" सुनाकर आम आदमी की त्रासदी को बड़ी बेबाकी से श्रोताओं के बीच रखा. अशरफ मौलानगरी की ग़ज़ल ने समां बांध दिया . प्रकाश मोहन मिश्रा नारी की महानता को दर्शाते हुए अपनी कविता "नारी का जन्म लेना सबसे बड़ी कृपा है" सुनाई . मौके पर रामबाबू नीरव ने साहित्यकारों से अपील की कि अम्बालिका के आगामी अंक हेतु अपनी रचनाएं व आर्थिक सहयोग देकर इस पत्रिका को जिंदा रखें . आसिफ करीम ने अध्यक्षीय भाषण में साहित्य के औचित्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि परिस्थितियां चाहे जैसी भी साहित्य हर युग में जिन्दा रहेगा. यहां उपस्थित युवाओं ने यह साबित कर दिया है।
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