पुपरी - कृषि विज्ञान केंद्र सीतामढ़ी के द्वारा आज कौशल विकास प्राशिक्षण कार्यक्रम के द्वितीय बैच की शुरुआत हुई ।
पुपरी - कृषि विज्ञान केंद्र सीतामढ़ी के द्वारा आज कौशल विकास प्राशिक्षण कार्यक्रम के द्वितीय बैच की शुरुआत हुई ।
कार्यक्रम का उदघाटन केंद्र के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद श्री नवल किशोर राय ,परियोजना निदेशक श्री देवेन्द्र सिंह, सचिव श्री सुदिष्ट कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित करके किया अध्यक्ष श्री नवल किशोर राय ने बताया कि यह कार्यक्रम ग्रामीण युवा पीढ़ी के आय सृजन के लिये एक बेहतर विकल्प है। इस प्रशिक्षण के द्वारा बेहतर मशरूम उत्पादन करने के सैद्धान्तिक एवं प्रायोगिक दोनों की जानकारी दी जायेगी ताकि सभी युवा एक बेहतर मशरूम उत्पादक बन सके
सचिव श्री सुदिष्ट कुमार ने प्रतिभागियों को बताया कि मशरूम उत्पादन में लागत न्यूनतम एवं अनुपातिक आय सबसे अधिक होता है ।इसलिए इस कार्यक्रम के द्वारा युवाओं को एक बेहतर रोजगार की प्राप्ति हो सकती है और आमदनी में स्थायी वृद्धि हो सकती है परियोजना निदेशक श्री देवेंद्र सिंह ने अपने संबोधन में बताया कि मशरूम एक ऐसी खेती है जिसमें आपदा का भय न्यूनतम होता है क्योंकि इसकी खेती घर के अंदर की जाती है जिसके कारण बाढ़ एवं सुखाड़ के द्वारा नुकसान की संभावना काफी कम होती है।इसलिए मशरूम उत्पादन के द्वारा युवा एवं युवती आत्मनिर्भर बन सकते हैं ।
वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ राम ईश्वर प्रसाद ने बताया कि मशरूम की खेती जलवायु परिवर्तन के अनुरूप है जिसके कारण इसके उत्पादन से मानव स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव नहीं होता है साथ ही इसके उपयोग से कुपोषण का सामना नहीं करना पड़ता है । अतः जलवायु परिवर्तन से निबटने के लिए इसकी खेती काफी महत्वपूर्ण है ।
उद्यान वैज्ञानिक सह नोडल पदाधिकारी श्री मनोहर पंजीकार ने बताया कि यह प्रशिक्षण 30 दिवसीय है जिस कारण इसके द्वारा सभी 30 युवाओं को एक बेहतर मशरूम उत्पादक बनाया जा सकेगा । इसके लिए उन्हें उत्पादन विधि ,आय खर्च की गणना, विपणन, सरंक्षण तथा इसके विभिन्न उत्पाद पर पूरी जानकारी दी जायेगी ।
पशु चिकित्सा वैज्ञानिक डॉ किंकर कुमार ने बताया कि आज मशरूम की खेती अलग अलग प्रजातियों के द्वारा पूरे वर्ष की जा रही है । अतः इस प्रशिक्षण के द्वारा सभी को इस रुप से निपुण बनाया जायेगा कि वे पूरे साल खेती करके अपनी आमदनी को काफी बेहतर कर सके । सस्य वैज्ञानिक श्री सच्चिदानंद प्रसाद ने मशरुम में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के पौस्टिक गुणो के बारे में जानकारी दी तथा कहा कि इसकी खेती से महिलाओं में काफी परिवर्तन आ सकती है कार्यक्रम में अनुपमा कुमारी, कविता कुमारी, अमित कुमार, पंकज कुमार समेत 30 युवाओं ने भाग लिया । कार्यक्रम के सफल संचालन में बृज भूषण मिश्रा, राकेश कुमार, सिकन्दर राय, राजू कुमार का योगदान सराहनीय रहा ।
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